कैसेकै नियाय कन्नै को बखत आई गओ है कै पैले परमेसर अपनेई लोगौ सै नियाय सुरू करैगो, और जब नियाय की सुरूआत हम सैई होगी तौ उन लोगौ को का होगो? जो परमेसर की अच्छी खबर कै ना मानै हैं।
और इन बातौं के अलाबा बे आलसी होनै की बजै सै अपने काम कै छोड़कै चली जावै हैं। बे दूसरौं के घरौं मै झाँकती फिरै हैं और बेकार की बात बतकाते भए लोगौ के काम मै टांग अड़ावैं हैं। बे ऐंसी बात बतकावैं हैं जिनकै ना बतकनो चँईऐ।