19 पबित्तर आत्मा के कामौ कै मत दबाऔ।
परमेसर की पबित्तर आत्मा कै दुखी मत करौ जिस्सै कै तुम्मै आजाद होनै के दिन के ताँई मौहर लगार खाई है।
“हे जिद्दी लोगौ, तुम ना तौ सुन्नो और ना समजनो चाँहौ हौ। पर हरदम अपने बापदादौं के हाँई पबित्तर आत्मा को बिरोद करौ हौ।
इसताँई मैं तुमकै जौ याद दिब्बाबौ हौं कै तू परमेसर के बा बरदान कै इस्तमाल कर जो तुमरे ऊपर मेरे हात रखनै सै मिलो है।
तुमकै जो बरदान मिलो है बाको तुम इस्तमाल करौ कैसेकै जौ तुमकै भबिसबानी के दुआरा और अगुबौं के हात रखनै सै मिलो है।
और जाके संग-संग बिसवास की ढाल लेए रैहऔ, जिस्सै कै तुम सैतान के पजरते भए तीरौं कै बुता सकौ।
पर अगर उन बैठे भए लोगौ मै सै किसी एक कै परमेसर की ओर सै नई बात मिलै है तौ जो पैले बोल रओ है बौ चुप हो जाय।
परमेसर की ओर सै बोलनै बारे की बातौं कै बेकार ना समजौ।