इसताँई तुम अपनी और अपने लोगौ की देखभाल करौ, जिसके ताँई तुमकै पबित्तर आत्मा नै चुनो है, कैसेकै तुम बिसवासिऔ की मंडली के लोगौ के ताँई ऐंसे हौ जैसे गड़रिया भेड़ौ के झुन्ड के ताँई है। जिसकै परमेसर नै अपने लौंड़ा को खून देकै मोल लओ है।
बताऔ तुम का सोचौ हौ? अगर किसी आदमी की सौ भेड़ हौं, और उनमै सै एक भटक जाय, तौ का बौ उन निन्नियानबे भेड़ौ कै पहाड़ी मै छोड़कै, जाकै, उस भटकी भई कै ना ढूंड़ैगो?
इसताँई हे मेरे बिसवासी भईयौ और बहनौ, तुम बी सुरग की बुलाहट मै हिस्सेदार हौ, इसताँई तुमरो सिगरो धियान ईसु की ओर होए जो परमेसर को भेजो भओ आदमी और बड़ो पुजारी है जिसकै हम मानै हैं।
जिनौनै बा बखत मै परमेसर की बात ना मानी हीं, जब परमेसर सबर के संग पैंड़ो देख रओ हो और नूह को जिहाज बनाओ जा रओ हो, बा बड़े जिहाज मै थोड़े सेई मतलब आठ आदमी बचे हे।