अगर कोई कैबै है कै, “मैं परमेसर सै पियार करौ हौं” और बौ अपने भईया सै नफरत करै, तौ बौ झूँटो है। कैसेकै जो अपने भईया सै पियार ना करै है, जिसकै बौ देखै है, तौ बा परमेसर कै जिसकै बानै कबी देखोई ना है, पियार कैसे कर सकै है?
और तुम्मै सै कोई उनसै कैए कै, “सान्ति सै जाऔ, परमेसर तुमरी सायता करैगो; और तुम गरम लत्ता पैहरौ और पेट भरकै रोटी खाऔ,” मगर तुम उनके सरीर के ताँई जो जरूरी है बौ चीज ना दो तौ, फिर जा बात सै का फाएदा?