चौकस रौह, कहीं ऐंसो ना होए कै तुमकै आदमी को गियान, झूँटी और बेकार की बातौं सै कोई अपने कबजा मै ना कर लै, जो आदमिऔ और दुनिया के बनाए भए रीती रिबाज के ऊपर टिके हैं, पर मसी की सिक्छा ऐंसी ना है।
कैसेकै आत्मा नै साप तरीका सै जौ बोलो है कै आनै बारे बखत मै कुछ लोग झूँटी आत्माऔ की बातौं मै और दुसट आत्माऔ की सिक्छा के ऊपर मन लगाकै बिसवास सै भटक जांगे।
कोई बी आदमी अपनी झूँटी दीनता सै या सुरगदूतौं की पूजा करबाकै तुमरे ईनाम कै ना लूट सकै है, ऐंसो आदमी देखी भई बातौं के पिच्छे लगो रैहबै है और अपने पाप बारी सोच के ऊपर बिना बजै के घमंड करै है।