पर परभु नै मैंसै कैई कै, “मेरी किरपा तेरे ऊपर भौत है कैसेकै कमजोरिऔं मैई मेरी सकति सबसै जादा है।” इसताँई मैं अपनी कमजोरिऔं के ऊपर खुसी के संग घमंड करौ हौं कै मसी की सकति मेरे भीतर है।
मैंकै अगर परमेसर की ओर सै बोलनै को बरदान मिलो है, और मैं परमेसर की सिगरी भेद की बातौं और गियान की बातौं कै समजौ हौं, और मैंकै जौ बिसवास है कै पहाड़ कै एक जघै सै दूसरी जघै मै खिस्का सकौं। पर मेरे दिल मै पियार ना है, तौ मैं कुछ बी ना हौं।
मैंकै बेबकूफ के हाँई बोलनै के ताँई तुमनै मजबूर करो। तुमकै तौ मेरी बड़ाई कन्नी चँईऐ ही। बैसे तौ मैं कुछ बी ना हौं, पर जिनकै तुम बड़े-बड़े भेजे भए चेला समजौ हौ उनसै मैं किसी बी बात मै कम ना हौं।