जिस तरै सदोम, अमोरा और बाके अड़ोस-पड़ोस के इलाके के लोग जो बैबिचार करल लगे हे और हर तरै की सरीर की बुरी इच्छा मै पड़े। तबई परमेसर नै इन इलाकेऔ कै कबी ना बुतनै बारी आग मै जरानै की सजा दई, और हमरे ताँई जौ एक उदाहरन है।
इसताँई हमकै बी आराम कन्नै की जघै मै जानै के ताँई कोसिस करती रैहनी चँईऐ कै, कहीं ऐंसो ना होए कै जैसे हुकम ना माननै की बजै सै उनको नास भओ, बैसोई हमरो बी कहीं नास ना हो जाऐ।
जौ पानी बा जल संस्कार के हाँई है जिस्सै अब तुमकै मुक्ति मिलै है; जल संस्कार को मतलब सरीर को मैल धोनो ना हैं बलकन सच्चे मन सै परमेसर के संग बादो कन्नो है। जौ जल संस्कार ईसु मसी के फिर सै जिन्दे होनै के दुआरा हमरी मुक्ति करै है।
आदम आनै बारे मसी को चिन्न हो मगर आदम सै लेकै मूसा के टैम तक मौत सबके ऊपर राज करती रैहई। और बैसेई उनके ऊपर बी राज करो जिनौनै आदम के जैसे आगियाँ तोड़कै पाप ना करो।
कैसेकै मसी आदमी के हात सै बनाई भई पबित्तर जघै मै ना गओ जो सच्चे पबित्तर जघै की एक नकल है। पर अब हमरी ओर सै बौ परमेसर के सामने परकट होनै के ताँई सुरग मै गओ।