सबसे खास बात जा हए, कि एकदुस्रेनसे गहिरो प्रेम करओ। काहेकी अगर तुम आदमीनके प्रेम करे कहेसे, तुम रोज उनको करोभओ कोइ फिर गलत कामके क्षमा देन तयार रहाबैगे।
काहेकी तुम सत्य पालन करके शुद्ध भए हओ, अब तुमके निष्कपट रुपसे अपनो बिश्वासी ददाभइयनके प्रेम करन पणत हए। एकदुस्रेके निष्कपटता साथ और पुरा हृदयसे प्रेम करतए रहाओ।
और जाके सँगए-सँग बे घर-घर घुमके अल्छी होन सिखत हएं, और अल्छी इकल्लो नाए, बल्कि दुस्रेनके बारेमे चुग्ली करत हएं और दुस्रेनके काममे बाधा लात हएं और अइसे बात बत्कात हएं जो बात बिनके नाए कहानके हए।