33 आदमीको बहुत बणी भिड सिमोन और अन्द्रियासके घरके बाहिर जम्मा हुइगइ।
33 और पूरो सहर बाके घर के दुआरे जुराएगौ।
अग्लो पबित्र दिनमे गाउँके लगभग सब आदमी परमेश्वरको बचन सुननके ताहीं इकट्ठा हुइगए।
यहूदिया परदेशके सबए आदमी और यरूशलेमके आदमी निकरके, जंगली इलाकामे यूहन्नाको परचार सुननके ताहीं गए। जब बे अपन-अपन गलत कामके स्वीकार करीं तओ यर्दन नदीयामे बप्तिस्मा लइं।
तओ येशू और बाके चेला कफर्नहुम सहरमे गए। जब दुस्रो पबित्र दिन आओ, यहूदी सभाघरमे घुसके येशू शिक्षा देन लागो।
येशू कैयौं मेलके रोगसे ग्रस्त भए बहुत बिमारके अच्छो करी, और बहुत भुतनके निकारी। येशू भुतनके मस्कन नाए दइ काहेकी भुत येशूके चिने रहएं, कि येशू परमेश्वरको लौंणा हए।