36 अपनो मुणको कसम मत् खाओ, काहेकी तुम एक बारके सेतोसे कारो नाए बनाए पाबैगे।
36 ना तौ तैं अपने मूड़ की कसम खईयो, काहैकि तू एक भी बार सफेद या कारो नाय कर सकथौ।
तुम मैसे कौन हए जौन चिन्ता करके अपनी आयु थोरी लम्बी बनाए सकत हए?
तुम मैसे कौन हए जौन चिन्ता करके अपनी आयु थोरी लम्मी बनाए सकत हए?
नए त पृथ्वीको, काहेकी बो परमेश्वरको पाउँदान हए, नए त यरूशलेम सहरको, काहेकी बो महाराजाको सहर हए।
पर जो बात तुम कहात हओ, ‘हाँ कहेसे हाँ,’ और ‘नाए कहेसे नाए,’ होबए; काहेकी जो कुछ जासे जद्धा होतहए बो दुष्टतासे आत हए।”