34 जब फराको समय ढिँगै आओ, बो किसानके ठिन अपन हिस्सा मागन नोकर पठाइ।
34 जब अंगूरन कै समेटन को समय आओ तौ, बौ अपने सेवकन कै फसल को हिस्सा लेन के ताहीं भेजी।
और निउतोमे आदमीके बुलान अपन नोकरके पठाइ, पर बे आन मन नाए करीं।
तओ किसानदर उनको नोकरके पकणके एकके पिटीं, दुस्रेके मारडारीं, और दुस्रेके पत्थरसे मारीं।
तओ किसानदर लौंणाके देखके आपसमे कहीं, “जा त अंगुरको खेतको हकदार हए। आओ, बोके मारएं, और बोको अंगुरको खेत हमर हुइजएहए।”
“जहेमारे जब अंगुरको बारीको मालिक अएहए, तओ बो बे किसानदारनके का करैगो?”
बासे कहीं, “बो बिनके सर्वनाश करैगो, और अंगुरको बारी दुस्रे किसानदारके अधियामे देहए, जौन बोके फराको हिस्सा समयमे बुझएहए।”
तओ पिच्छु, येशू कुछ कहानीसे यहूदी अगुवनको समुहसे बात करन सुरु करी। बा कही एक आदमी अपन अंगुरको बारीमे अंगुर लगाइ। बो आदमी खेतके आसपिस पत्थरको एक बेढा बनाइ, और हुवाँ एक कोल्हु बनाइ। बा आसपिस जानबरसे अंगुरको खेतके बचानके ताहीं एक अटरीया बनाइ। फिर बा अंगुरको खेतके किसानदारनके अधियामे दइके परदेश चलो गओ।
पर जब किसानदार बोको लौंणाके आत देखीं, तओ एकदुस्रेसे कहान लागे, “जा त बहे हए जो अंगुरको खेतको हकदार हए। आओ, हम जाके मार डारएं, और अंगुरको खेत हमर हुइजएहए।”
तुमके का लागत हए, कि अंगुरको बारीको मालिक का करैगो? बो आबैगो, और बे किसानदारनके मार डारैगो, और अंगुरको खेत औ दुस्रेके दइदेहए।
येशू आदमीनसे जा कहानी कही, “एक आदमी अंगुरको बारी लगाइ, और अधिया दइके, बहुत दिनके ताहीं परदेश चलोगओ।