46 “मिर कही बात नाए करैगे, तओ काहे मोसे प्रभु, प्रभु, कहात हओ?
46 “जब तुम मेरो कहनो नाय मानथौ, तौ काहेकै मोसे ‘हे प्रभु,’ हे प्रभु कहथौ?
अपनए-अपनएके धोखा मतदेओ, कोइ कभी फिर परमेश्वरके मुरख नाए बनाए पाबैगो, काहेकी आदमी जो कुछ फिर बोतहए, बहे काटत हए।
बे फिर अइसे कहिके जबाफ देहएं, ‘प्रभु, कब हम तुमके भुखानो और प्यासो देखे, परदेशी और नंग्बा और बिमार देखे, और जेलमे देखे, और तुमर सेवा नाए करे?’
तओ एक सोनोको सिक्का पान बारो फिर आएके कही, ‘हे मालिक मए तुमके जानत रहओं, तुम कठोर आदमी हओ, तुम एक अइसे आदमी हओ जहाँ बीज नाए बोत हओ, पर फसल इकट्ठा करनके आसरा करत हओ।’
तओ पिच्छु और कन्या घुमके आइं और रोतए रोत दुलहाके बुलाइं, “हे प्रभु, हे प्रभु, हमर ताहीं फाटक खोलदेओ।”
पर परमेश्वरके बचन पालन करन बारे होबओ, और सुनन बारे इकल्लो हुइके अपनएके धोखा मतदेओ।