47 फरिसीनको समुह बिनसे कहान लागे, “का बा तुमके फिरसे बहकाए दइ?
47 फरीसी उनकै जबाब दईं, “का तुम्हऊँ भरमाए गै हौ?
भिडमे भए बहुत आदमी येशूके बारेमे बात करत रहएं। कुइ कहात रहएं, “बा अच्छो हए।” और दुस्रे कहात रहएं, “नाए हए, बा त आदमीके भ्रममे पणात हए।”
आदमी हमर प्रसंसा करनमे या बे हमके घृणा करनमे, आदमी दुस्रे जनैके हमर बारेमे अच्छे नाए हएं कहिके कहानएमे, हम इमान्दार हएं। पर बे कहात हएं कि हम झुटो हएं।
“हजुर, हमके याद हए, कि बो ठगहा जिन्दा रहन पेती कही रहए, ‘मिर मरनके तीन दिन पिच्छु मए फिर जिन्दा हुइ जामंगो।’
बा बिनसे कही, “तुम फिर काहे परम्पराके मारे परमेश्वरको आज्ञा भंग करत हओ?