5 और उजियारो अंधियारोमे चमकत हए, और कभु फिर अंधियारो उजियारोके बुताए नाए पाइ।
5 जोती अंधियारे मैं चमकथै, और अंधियारो बाके ना अपनाईं।
पर परमेश्वरको आत्मा नाए होन बारे आदमी, पबित्र आत्माको शिक्षाके ग्रहण नाए करत हए, काहेकी बे आदमीनके नजरमे मुरखके बात हएं, और एक आदमी अपनो आत्मिक जाँच तब्ही कर सकत हए, जब बोमे परमेश्वरको आत्मा रहात हए।
बा संसार रहए, संसार बहेसे बनोगओ, तहुँफिर संसारके आदमी बाके नाए चिन पाइं।
और बे परमेश्वरको सच्चो ज्ञानके स्वीकार करनके ठिक नाए मानीं, जहेमारे परमेश्वर फिर बिनके बे सब गलत काम करनके ताहीं बिनको गलत बिचारमे छोड दइ।
और आदमी दिया पजारके डलैयासे नाए तोपत हएं, पर आरोमे धरत हएं, और घरमे होन बारेनके सबके ताहीं बो उजियारो देत हए।
ताकी बिनको आँखी खुलए, और बिनके अन्धयारोसे उजियारोमे और शैतानको शक्तिसे परमेश्वर घेन घुमाए पाबए। तओ बे परमेश्वर घेनसे पाप क्षमा पामंगे और मिर उपर बिश्वास करके बे परमेश्वरके चुने भए जनके सँग संगतीमे बैठन पामंगे।’