1 हे धनी आदमी! सुनलेओ, तुम अपने आन बारे दुख समझके चिल्लाए-चिल्लाएके रोबओ।
1 हे सेठौ सुन तौ लेबौ; तुम अपने आनबारे कलेसन के बजह से चिल्लाए-चिल्लाए कै रोबौ।
दिन निकरतए बहुत घामु लगत हए, और जंगलको फुलाके सुखाए देतहए, और बोको फुला झरजातहए। उइसीयए, एक धनी बिश्वासी अपनो काम करतए-करत मरजाबैगो।
तुम जा कहात हओ, “आज या कल हम कोइ औरो गाउँमे जाएके हुवाँ एक बर्ष रहामंगे, और ब्यपार करके नाफा उठामंगे।”
पर तुम बो गरीबके हेल्हा करत हओ। तुम जानतहओ, कि बेहीं धनी आदमी हएं, जो तुमर उपर अत्याचार करत हएं। बेहीं हएं, जो तुमके जबरजत्ती कचेहेरीमे लैजात हएं।
अपने पापके ताहीं दुखी होबओ, बिलाप करओ और रोबओ। तुमर हँसी बिलापमे और तुमर आनन्द दुखमे बदल जाबए।