34 पर सिलास एन्टिओखिया सहरमे रहानके फैसला करी, जहेमारे यहूदा अकेलो यरूशलेम सहरमे लौटके गओ।
34 लेकिन सीलास कै हूँना रहनों अच्छो लगो।
यहूदा और सिलास तमान दिन बैठनके पिच्छु, हुनाके बिश्वासी ददाभइया बिनके शान्तिकी आशिष दइके यरूशलेम सहरको मण्डलीमे लौटके गए।
पावल और बारनाबास कुछ समय सिरिया परदेशको एन्टिओखिया सहरमे बिताइं और औ बहुत जनै सँग मिलके, प्रभु येशूको अच्छो समाचारकी शिक्षा देतए परचार करीं।
तओ फिर बारनाबास शाऊलके ढुँणन एन्टिओखिया सहर छोडके टार्सस गाउँमे गओ।
तओ फिर अपोल्लोस अखैया परदेशमे जानके बिचार करी। और एफिसस सहरमे भए प्रभुमे बिश्वासी ददाभइया चेलनके जानके ताहीं उत्सहा दइं और अपोल्लोसके स्वागत करीयओ कहिके हुवाँ बैठन बारे चेलनके एक चिट्ठी फिर लिखदइं। अखैया परदेशमे पुगके अपोल्लोस हुवाँ प्रभुको अनुग्रहके कारणसे बिश्वासमे आएभएनके बहुत मदत करी।
और बिश्वासी ददाभइया अपोल्लोससे मए बहुत बिन्ती करो, कि औ बिश्वासीनके सँग जो तुमसे मिलनके आए रहएं; पर बो जा समयमे जानके कुछु फिर इच्छा नाए करी, पर मौका मिलैगो कहेसे आए जाबैगो।