मए एफिसस सहरमे बहुत जद्धा कठिनाइको अनुभब करो हओं, बे आदमीनके कारण जो आदमी मेरे बिरोध कर रहे हएं, जोकी भयङकर जनाबर कता हएं। अगर जा सिर्फ आदमीनको बिचारमे आधारित हए तओ बो कठिनाइसे का हासिल करो? कुछ फिर नाए। जहेमारे अगर जा सच हुइतो, कि मरे भए आदमी फिरसे जिन्दा नाए होत हएं, तओ अच्छो हुइतो कि हम आदमीनको कहाइको अनुसरण करत हएं, कि जो जा कहात हएं, “आओ, हम खामएं पिमएं, काहेकी अगर हम कल मरिगए तओ जाको अन्त हुइ जाइगो।”