पर हमरे कुछ बिश्वासी अभएतक नाए जानत हएं, कि मूर्तिनके ठिन कोइ शक्ति नाए हए; काहेकी बे पहिले मूर्तिनके पुजा करत रहएं, अब बे बेहीं मूर्तिनके बलि चढाओ भओ खानु खात हएं। बे गल्तीसे सोँचत हएं, कि बे अभौफिर मूर्तिनको पुजामे सामिल हएं। और बे जा सोँचके परेसान होत हएं, कि अगर बे मूर्तिनके चढाओ भए खानु खात हएं तओ बे पाप करडारी हएं।