जो जय पाबै, बाकै मैं अपने परमेस्वर के मंदिर मैं एक खम्मा बनांगो; और बौ फिर कहु बाहर ना निकरैगो; और मैं अपने परमेस्वर को नाओं, और अपने परमेस्वर के नगर मतलब नये यरूसलेम को नाओं, जो मेरे परमेस्वर के पास से स्वर्ग मैं से उतरन बारो है और अपनो नया नाओं भी बामै लिखंगो।”
अब हमैं दरपन मैं धुंधरो सो दिखाई देथै, पर जब सर्व सिद्ध आगो तौ हम पूरे तरीका से आमने-सामने देखंगे। अब जोमैं जानथौं बौ खाली थोड़ी भौत है; तौ जौ पूरो होगो, जैसो कि प्रभु को मोकै ग्यान है।
हे परम दऊवा, मैं चाहथौं कि जिनकै तैं मोकै दौ है, जहाँ मैं हौं हुँआँ बेऊँ मेरे संग होमैं, कि बे मेरी बौ महिमा कै देखैं जो तैं मोकै दौ है, काहैकि जौ दुनिया बनन से अग्गु तैं मोसे प्यार करो।