37 और जो भी बात तुमकै बताओ, मैं सबसे कहथौं: जगत रहियो!”
37 जो मए तुमसे कहात हओं बो मए सबसे कहात हओं: ‘रोजए तयार रहियओ!’”
जगत रहियो, चहाचीते रहियो; तुमकै ना पता है बौ समय कब आए जागो।
जहेमारे जगत रहियो, काहैकि तुम कछु नाय जानथौ कि घर को मालिक कब आए जाबै, संजा कै या आधी रात कै या मुर्गा के बास देन के समय या दिन निकरन से अग्गु।
तभई जगत रहाबौ, काहैकि तुम नाय जानथौ कि तुमरो प्रभु कौनसे दिन आगो।
समय कै देखभार कै ऐसियै करौ, तभई कि अब तुमरे ताहीं नींद से जगन की बेरा आए गई है; काहैकि जो घड़ी हम बिस्वास करे रहैं, बौ समय की सोच से अब आपन को उद्धार झोने है।