1 फिर ईसु नईंयाँ से झील के जौ पाँजर अपने नगर बापस आओ,
1 तओ पिच्छु येशू और येशूके चेला नैयाँमे चढके गालील समुन्दरके बोपार गए, और येशू अपनो सहर कफर्नहुममे आओ।
लेकिन बौ नासरत मैं नाय ठहरो, लेकिन जबूलून और नप्ताली के इलाका मैं गलील झील के एक सहर कफरनहूम मैं रहन लगो।
तौ गिरासेनियों के आस-पास के सब लोग आपस मैं एक दुसरे से पूँछीं और ईसु से दूर जान ताहीं कहीं, काहैकि बे बड़ा डराय गै रहैं। फिर ईसु नईंयाँ मैं चढ़कै चले गौ।
जब ईसु नईंयाँ से झील के बौ पाँजर गौ, तौ झील के किनारे एक भारी भीड़ बाके झोने जुराए गई।
जब ईसु अपने आस-पास की भीड़ कै देखी, तौ बौ अपने चेलन कै झील के दुसरे पाँजर जान की आग्या दई।
“पवित्र चीज कुत्तन कै मत दियौ, और अपने मोती सोरा के अग्गु मत डारौ; ऐसो ना होबै कि बे उनकै टाँग तरे रौंद डारैं और कुत्ता तुम्हैं पलटकर फाड़ डारैं।”
जो अन्यायी है बौ अन्याय करत रहबै, और जो मलच्छ है, बौ मलच्छ बनो रहबै; जो धार्मिक है बौ धर्मी बनो रहबै, और जो पवित्र है, बौ पवित्र बनो रहबै।”
तभई ईसु एक नईंयाँ मैं चढ़गौ, और बाके चेला बाके संग गै।
जब ईसु झील के दूसरे घाँईं लौटो, तौ लोग बाको स्वागत करीं, काहैकि बे सब बाकै असियात रहैं।