हमरो महान बड़ो पुजारी बौ ना है जो हमारी कमजोरी मैं सहानुभूति महसूस कर पाबै। इनकी जघा मैं हमरे झोने एक महान बड़ो पुजारी है, जोकी हर तरहन से परिक्छा भइ लेकिन बौ पाप नाय करी।
जहेमारे बाकै जरूरी रहै, कि सब बातन मैं अपने भईय्या-बहेनियन के जैसे बनै; जोसे बौ बे बातन मैं जो परमेस्वर से जुड़ी भइ है, एक दयालु और बिस्वास के लायक बड़ो पुजारी बनै ताकी लोगन के पापन के ताहीं पछताबै।
और रोन बारे ऐसे होमैं, मानौ बे रोतै नाय हैं; और आनन्द करन बारे ऐसे होमैं, मानौ आनन्द नाय करथैं; और मोल लेन बारे ऐसे होमैं, कि मानौ उनके झोने कछु हईये नाय।
जैसी बौ सहर के फाटक के झोने पहुँचो, तौ देखी, कि लोग एक मुर्दा कै बाहर लै जाए रै हैं; मरो भौ आदमी अपनी अईय्या को इकलौतो लौड़ा रहै, और बौ बिधवा रहै, और सहर की एक बड़ी भीड़ बाके संग रहै।
एक रोज ईसु एक जघा मैं प्रार्थना करत रहै। जब बौ प्रार्थना कर चुको, तौ बाके चेलन मैं से एक चेला ईसु से कही, “प्रभु, जैसे यूहन्ना अपने चेलन कै प्रार्थना करनो सिखाई है बैसिये हमउँ कै तैं प्रार्थना सिखाए दे।”
प्रभु जबाब दई, “बौ बफादार, अकलदार और भरोसेमंद प्रबंधक कौन है? जोकै बाको मालिक, घर चलान के ताहीं और सेवक के झुंड मैं से एक कै सई समय मैं खानु देन ताहीं सरदार बनाबै।
तौ प्रभु जबाब देथै, “अगर तुम्हैं राया के गूदा के बराबर बिस्वास है, तौ तुम जौ सहतूत के पेंड़ से कहबौ, ‘कि जर से उखड़कै समुंदर मैं लग जाबै!’ तौ बौ तुमरी बात मान लेगो।”