जौ युग की सम्पत्ति बारेन कै हुकम दे कि बे घमंडी ना होमैं और बेकार के पैसन के ऊपर आस नाय रखैं, पर परमेस्वर के ऊपर आस रखौ जो हमरे सुख दुख के ताहीं सब कछु खूबै करकै देथै।
“तभई जब तुम कोई दीन दुखी कै दान देथौ तौ बाको ढिंढोरा मत पीटौ जैसो कि यहूदि सभाघर मैं और गलियन मैं कपटी लोग औरन से बड़ाँईं पान के ताहीं करथैं। मैं तुमसे सच कहथौं उन्हैं तौ बाको पूरो फल पहलिये ही दौ चुको है।
“और जब तुम बर्त रखथौ, तौ पाखंडी के तराहनी मोहों मत बनाबौ बे तरह-तरह से मोहों बनाथैं ताकी लोग उनकै जानै कि जे बर्त रखी हैं, मैं तुमसे सच्ची कहथौं कि बे अपनो इनाम पाय चुके हैं।
“जब तुम प्रार्थना करथौ, तौ कपटियन के तराहनी दिखाबा मत करौ! काहैकि उन्हैं यहूदि सभाघरन मैं और सड़कन के चौहराय मैं ठाड़कै प्रार्थना करनो अच्छो लगथै। ताकी लोग उन्हैं खास लोग के भेस मैं जानै। मैं तुम्हैं सच कहथौं, बे पहलिये सब प्रतिफल पाये लईं हैं।