65 और बे बड़ा बुराई करन बारी बात कहीं।
65 बे बाके बिरुद्धमे बदनामकी बहुत बात कहीं।
तमान बार मैं उन्हैं सभाघर मैं सजा देत रहौं और मैं उनकै प्रभु की बुराई करन के ताहीं मजबूर करन की कोसिस करत रहौं। मैं उनसे इतनो भड़को भौ रहौं की मैं बाहर के सहरन मैं भी जाएकै उन्हैं सतात रहों।”
“जो कोई भी इंसान के लौड़ा के खिलाप एक सब्द कहथै उनकै माफ करो जा सकथै; लेकिन जो कोई भी पवित्र आत्मा के खिलाप बुराई करथै, बाकै कहुए माफ ना करो जा सकथै।”
झोने से गुजरन बारे आदमी अपनो मूड़ हिलाय और बुराई करत भै ईसु की बेजती करीं:
तौ कुछ नियम के यहूदि नियम के सिक्छक आपस मैं कहीं, “जौ इंसान तौ परमेस्वर की बुराई करथै!”