फिर ईसु कही, “जब तुम आदमी के लौड़ा कै ऊँचे मैं चढ़ाबैगे, तौ पता चलैगो कि मैं बहे हौं, और अपने मन से कछु नाय करथौं, पर जैसी मेरो दऊवा मोकै सिखाई है, बेईं बात करथौं।
काहैकि जो बचन तैं मोकै दौ, मैं उनकै उनके झोने पुगाए दौ; और बे उनकै अपनाईं, और सच्ची-सच्ची जान लईं हैं कि मैं तेरी तरफ से आओ हौं, और बिस्वास कर लईं हैं कि तहीं मोकै भेजो है।”