लेकिन जब उनके संग हमरो समय खतम हुई गौ, तौ हम हूँना से अपनी रहामैं नेंग दै। और बे सब बईंय्यरन और बालकन समेत, हमैं नगर के दुआरे तक छोड़न आए और हम समुंदर टिकारे घुपटियाय कै प्रार्थना करे।
तौ पतरस सबकै दुआरे कर दई, और घुपटियाय कै प्रार्थना करी और बौ सरीर के घाँईं मुड़कै देखकै कही, “ए तबीता, उठ!” तभई बौ अपनी आँखी खोल दई, और पतरस कै देखकै उठकै बैठ गई।
मैं तुमकै सब कछु करकै दिखाओ, कि जौ तरीका से मेहनत करकै कमजोरन की मदत करैं, और प्रभु ईसु की बातन कै याद धरनो जरूरी है, जो बौ खुद कही रहै: ‘लेन से जाधे देन मैं खुसी मिलथै।’”