बे जलन रखथैं, नसा मैं धुत हुई जाथैं, काम वासना मैं पड़े रहथैं और इन्हईं तराहनी के औरै-औरै काम करथैं, मैं तुमकै पहलिये चौकन्नो करथौं: जो आदमी जे कामन कै करथैं, बे परमेस्वर के राज्य को वारिस नाय होंगे।
पर जे बात मैं जौ ताहीं कहो, कि जब इनको समय आबै तौ तुमकै याद आए जाबै कि मैं तुमसे अग्गुए कह दौ रहों, मैं सुरू मैं तुमसे जे बात जौ ताहीं नाय कहो काहैकि मैं तुमरेई संग रहों।”