हमर उटकट इक्छा आ आसा यि चियै कि हम कहियो लज्जित नै हेबै महज हमरमे परसस्त साहस हेतै। चाहे हम बाच्बै या मरबै सबदिन जखा अखुनो हमर जिबनसे खिरिस्ट सम्मानित हेबे।
तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।
तब येसु उसबके कहल्कै, “कि तुसब पबितर धरमसास्तर नै पढनेचिही? ‘जै पथलके घर बनाइबला मिसतिरीसब छाइट देल्कै, सेह्या जगके मुल खम्हा बन्लै, यि काम परमेस्वर करने छै आ अपनासबके नजरमे आस्चरजके बात छै।’
भाइ-भैयासब, यदि हम अखुन्तो खतना करैये परतौ कैहके परचार करैचियौ त कथिले हमरमे सताबट एलै? यि बात सँच रहतियै त कुरूसके बलिदानके परचारसे ककरो चित नै दुखतियै।