तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।
परमेस्वरके परेमसे अपनासबके कोनो चिज अलग करैले नै सक्तै। नै त मिरतु, नै त जिबन, नै स्वरगदुतसब, नै त सन्सारके सासकसब, नै त अखुनके या भबिसके बातसब, नै त कोनो सक्तीसब,