18 तुसब, परमेस्वर कथि चाहैछौ से जानैचिही आ असल कथि चियै सेहो जानैचिही कथिलेत बेबस्थासे तुसब सिखनेचिही।
महज सब बातके जाँच कर आ जे चिज असल छै ओइके पकरने रह।
कोइ असल करे परैछै कैहके बुझने रहैछै महज बुझियोके नै करैछै त, उ पाप करैछै।
ताकि तोरासबमे असल कथी चियै उ छुटयाबैले सक आ खिरिस्ट आबैबला दिनमे तुसब सुध आ निरदोस हैले सक।
ठोस भोजन खाइबला परिपक्क लोक रहैछै। उसब दिमागके निरन्तर अभ्यास दुवारा असल आ खराब छुटियाबे सकैबला भेल रहैछै।
पबितर धरमसास्तरमे पहिने लिखल बातसब अपनासबके सिक्छा दैकेलेल छेलै। धरमसास्तरमे भेल बातसे अपनासबके सहैबला सक्ति आ हौसला दैछै ताकी अपनासबके आसा बनल रहे।
यि बातसब जाइनके उ करैचिही त, तुसब धैनके हेब्ही।
“आपन मालिकके इक्छा जाइनके तयार नै रहै आ करैबला काम नै करैछै तेहन मुखियाके मालिक सजायके भागिदार बनेतै।
जे कि अहाँके सिखेल्हा बातसबके सत्यता अहाँ बुइझसक्बै।
तुसब, मनके आन्हर भेल लोकसबके डोरियाबैचियै कैहके धाख लगाइचिही। तुसब अन्हारमे चलैबलासबके लेल अपनाके इजोत सम्झैचिही।