19 तैल्याके अपनासब उ बातसबके अनुसरन कर जे बात सान्ती लाबैछै आ एक-दोसरके बिस्बासमे बलगर बनाइले मदत करैछै।
तोरासबके मुहसे खराब बात नै निक्ले, महज भलाइ करैबला आ मिठ बचन बोल ताकि सुनैयोबलासबके भलाइ हेबे।
सकभर सबकोइसङे मिल-जुइलके रह।
हमसब सब गोरे आपन-आपन परोसियाके भलाइ आ बिस्बासमे बौकार बनाबैके लेल ओकरासबके खुस करैले परतौ।
जम्मे लोकसबसङे मिलके सान्तीमे रह आ पबितर जिबन जियैके कोसिस कर, कथिलेत पबितर नै भ्याके कोइयो नै परमेस्वरके देखैले सक्तै।
अन्तमे हमर पिरिय भाइ-भैयासब, आब हम बिदा हैत बेर, तोरासबके यि कहैले चाहैचियौ, कि जीजानसे सिध हैले कोसिस कर। हमर बिन्ती सुन, एक-दोसरके बात सुन आ सान्तीमे रह। सान्ती आ परेम दैबला परमेस्वर तोरासबसङे रहे।
नोन असल चियै, महज ओकर सबाद उइरजेतै त ओकरा फेनो कनङके नोनगर बनाइतै? तु आपनमे नोनके सबाद जखा हो आ एक-दोसरसङे मिलापमे रह।”
धैनके चियै मेल-मिलाप कराइबलासब, कथिलेत उसब परमेस्वरके बेटा-बेटी कहाइतै।
उ खराब कामसे घुइमके आबे आ असल काम करे आ सान्तीके खोजि करे आ ओहैमे लागल रहे।
हे हमर भाइ-भैयासब, आब हम कथी कहबौ? तुसब एकसाथ जम्मा हैचिही त कोइ भजन गाबैछै, कोइ सिक्छा दैछै, कोइ परमेस्वरसे परगट भेल बात कहैछै, कोइ आन भसा बोलैछै आ कोइ आन भसाके अरथ खोइलदैछै। यि सब बातसबसे मन्डलीके आत्मिक तवरसे बिरधी कराबैछै।
हमर करल जखा कर। हम अपना खुस हैबला काम नै करलियै। महज सबकोइ मुक्ती पाबे कैहके सब तरहसे सबके भलाइ खोजैचियै।
तैल्याके तु जबानीके अधलाह ललसासे दुर रह आ सुध हिरदयसे परभुके पुकारैबला सब सङे धारमिक्ता, बिस्बास, परेम आ सान्तीके पछा लाग।
ओइसबके बनोतरी बात-कथा सबमे आ नै सकैबला बंसाबलीसबमे नै ओझराल रह कैहके आग्या दहै। कथिलेत एहेन बातसबसे बाद-बिबाद मातरे हैछै आ परमेस्वरमे बिस्बासके जिबन बिताइबलासबके कोनो फैदा नै करैछै।
भ्यासकैछै, हमसब यि सब आपन बचाबके लेल करैचियै कैहके आपन मनमे बिचार करैचिही। महज एहेन नै छै! पिरियसब, हमसब परमेस्वरके अगा खिरिस्टमे बोलैचियै। यि सबकाम तोरासबके बलगर बनाइके लेल करैचियौ।
महज बिस्बास नै करैबला घरबला या घरबाली अलग हैले चाहैछै त, उसब अलग हेबे। ओइ बखत बिस्बास करैबला घरबला या घरबाली बियाह बन्धनसे स्वतन्तर हैछै। कथिलेत परमेस्वर तोरासबके सान्तीमे रहैले बोलाइनेछै।
आब हम मुरुतिके चरह्याल खाइबला चिजके बारेमे कहैचियौ। अपनासब जान्बे करैचियै कि, अकर बारेमे अपनासब सङे ग्यान छै। ग्यान लोकके घमन्डी बनाबैछै महज परेम लोकके उन्नती कराबैछै।
तोरासबमेसे कोइ-कोइ कहैचिही, “सब चिज करैले पाबैछै” महज सब चिजसे भलाइ नै हैछै। दोसर सब कहैछै, “सब चिज करैले पाबैछै” महज सब चिजसे फैदा नै हैछै।
महज जे अगमबानी बोलैछै, उ दोसर लोकसबके आत्मिक रुपमे बौकार बनाबैछै, हौसला दैछै आ सान्तबना दैछै।
जे आन भसामे बोलैछै, उ आपन आत्मिक बिरधी करैछै, महज जे अगमबानी बोलैछै, उ पुरे मन्डलीके आत्मिक बिरधी कराबैछै।
तु सबकोइ आन भसा बोल कैहके हम चाहैचियौ, महज ओकरसे बेसि तुसब अगमबानी बोल कैहके हम चाहैचियौ। कथिलेत आन भसामे बोलेसे त बरु अगमबानी बोलनाइ बरका चियै। आन भसाके अरथ खोइल दैबला लोक रहतै तब मातरे मन्डलीके बिस्बासीसबके आत्मिक तवरमे बलगर बनाइतै।
खिरिस्टके सब पबितर जनसबके ओकर काम करे सकैबला बनाइले आ ओकर देह मन्डलीके बलगर बनाइले सके कैहके नियुक्त करल्कै।