1 जब थुमा सातम लाहटके तोरल्कै, तब करिब आधा घन्टातक स्वरगमे सुनसान भेलै।
तकरबाद थुमा उ सातटा लाहटसब मेसे पहिन्काके तोरैत हम देखलियै, तब चार जिबित परानीसब मेसे एकटा मेघ गरजन जखा आबाजमे अनङ कहैत हम सुनलियै “अते या!”
जब थुमा छठमा लाहटके तोरल्कै, तब हम बरका भुमकौन गेल देखलियै। सुरुज अन्हार रात जखा करिया भेलै आ चान लहु जखा पुरे लाल भेलै।
तकरबाद थुमा पाँचम लाहटके तोरल्कै, तब बेदीके निचा हम ओइसबके आत्मासबके देखलियै, जकरा परमेस्वरके बचन सुनेलाके खातिर आ ओकर बारेमे गबाही देलाके खतिर काइटके मुवाइने छेलै।
सिंहासनमे बिराजमान भेलके दहिना हाथमे हम कागतके एकटा मुठा लपेटल देखलियै। उ कागतके मुठा भितर आ बाहर दुनुकात लिखल रहै आ ओइमे सातटा लाहट लगाके बन्द करने रहै।
जब थुमा चरमा लाहटके तोरल्कै, तब चरमा जिबित परानी “अते या” कहैत हम सुनलियै।
जब थुमा तेसर लाहटके तोरल्कै त हम तेसर जिबित परानीके “अते या” कहैत सुनलियै। हम एकटा करिया घोरा देखलियै। ओइ उपरमे सबार भेल लोकके हाथमे एकटा तराजु छेलै।
तकरबाद थुमा दोसर लाहट तोरल्कै आ हम दोसर जिबित परानी “अते या” कहैत सुनलियै।
उसब अनङ कहैत एकटा लया गित गाबल्कै, “यि कागतके मुठा लैले आ अकर लाहटके तोरेके योग्य अहाँ मातरे चियै, अहाँ मारल गेलियै आ आपन लहुसे अहाँ परमेस्वरके लेल सब कुल, भसा, जाती आ देसके लोकसबके छुटकरा देलियै।
तब उसब ज्याके चिहानके मुहमे बन्द करल पथलमे छाप लगेल्कै। सिपाहीसबके सुरक्छा करैले पहारा लगादेल्कै।