16 उसब कहियो नै भुखल आ पियासल रहतै। उसबके सुरुजके टहटहवा रौद या नै कोनो जराइबला धाहसे हानी करतै।
महज हमर देल पानी पियैबला फेनो कहियो नै पियासल रहतै, कथिलेत हमर देल पानी ओकर भितरसे निकलैबला पानीके मुल हेतै आ ओकरा अनन्त जिबन देतै।”
परमेस्वर ओकरासबके आँखके पुरे लोर पोइछदेतै। ओते मिरतु, सोक, बिलाप आ दुख नै हेतै। कथिलेत पुरन्का सब बात बित गेलछै।”
धैनके चियै धारमिकताके खातिर भुखल-पियासलसब, कथिलेत उसब अघाइतै।
धैन तोरासबके, अखन भुख लागलसब कथिलेत तुसब अघाइबिही! धैन तुसब, अखन कानैबलासब कथिलेत तुसब हाँसविही!
भुख लागलसबके उ असल चिजसे पेट भरनेछै आ धनिक्हासबके छुच्छे हाथ पठाइने छै।
महज टह-टह रौद उग्लाके बाद टुसासब मौरागेलै आ सिर नै लग्लाके कारन उ सुइखगेलै।
जब टहटह रौद लागैछै तब फुलाके गाछ मुरझा जाइछै। एहैन लोभ लागैबला फुल त झैरजाइछै आ ओकर सोभा हर्याजाइछै। ओहिनङ कैरके कामकाजमे दौर धुप कैरते कैरते धनिक लोकसबके जिबन बित जाइछै।
महज ओइसबके आपन सिक्छाके सिर नै लागलसे उ बहौत देर नै टिकैछै। महज बचनमे बिस्बास करैके कारन जब दुख आ सताबट आबैछै, तब तुरन्ते उसब छोरदैछै।
महज टह-टह रौद उग्लाके बाद टुसासब मौरागेलै आ सिर नै लग्लाके कारन उ लटुवागेलै।
महज उ बचन ओकर हिरदयमे नै गरलाके कारन कुछदेर मातरे रहैछै। तब परमेस्वरके बचनमे बिस्बास करलाके कारन जब दुख आ सताबट आबैछै तब बिस्बाससे पछा हैट जाइछै।