8 हम पियर रङके घोरा देखलियै जैमे सबार हैबलाके नाम “मिरतु” छेलै आ पताल ओकर पछा-पछा छेलै। ओकरा तलबार, अकाल, महामारी आ पिरथिबीके जङलिया जानबरके दुवारा पिरथिबी एक चौथाइके नास करैके अधिकार परमेस्वर देल्कै।
जिबित हैबला हम्ही चियै। हम मरल छेलियै महज आब सबदिनके लेल जिबित चियै, मिरतु आ पतालके कुजीसब हमर हाथमेछै।
ओइसबके मुहसे आइग, धुवाँ आ गन्धकके तिनटा बिपत निकलैत रहलै। तै बिपतसे एक तिहाइ लोकसबके जानसे मारल्कै।
उ चारटा स्वरगदुतसबके छोइरदेल्कै, पुरे सन्सारके एक तिहाइ लोकसब वह्या बरिस, वह्या महिना, वह्या दिन आ वह्या घरीके लेल मारैले तयार कैरके राखने छेलै।
“ए मिरतु, तोहर जित कते? ए मिरतु तोहर खिल कते?”
“हे कफरनहुमके लोकसब, कि तुसब स्वरग तक ज्याके आदर पैब्ही कैहके सोचैचिही? तुसब त पतालमे खसाएल जेब्ही। कथिलेत जे अजगुतके कामसब तोरासबके बिचमे करल गेल्छौ से कामसब सदोममे करने रहतियै त आइतक रहतियै।
ओकर नङरिसे स्वरगके एक तिहाइ तरासबके बरहाइरके पिरथिबीमे फेक देल्कै। तब जलमेलागल बच्चा जलमैत मातर खाइके लेल जलम दैबाली जनीके अगा उ अजेगर ठारभेल छेलै।
कथिलेत जातीके बिरोधमे जाती आ राजके बिरोधमे राज उठतै आ बहुतो ठामसबमे अकाल आ भुमकौन एतै।