19 जे कोइ अइ किताबमे लिखल अगमबानीके बचनसे किछो घटेतै त, परमेस्वर जिबनके गाछ आ पबितर सहरसे पाबैबला भाग ओकरसे छिनके लजेतै।
“तोहे धरमगुरुसबके धिक्कार! कथिलेत तुसब ग्यान-बुइधके केबार खोलैले कुजी त लेल्ही, महज अपना नै भितर ढुकलिही नै दोसर ककरो ढुकैले देल्ही।”
उ लदी सहरके मुल रस्ताके बिचसे बहैछेलै। उ लदीके पखामे एकटा जिबनके गाछ छेलै, जे हरेक महिना बारह किसिमके फल फराइछेलै। उ गाछके पतासब जाती-जातीके लोकसबके निक करैबला दबाइ जखा छेलै।
तब हम परमेस्वरसे बरके लेल कनिया जखा सिङगार-पटार करल, अरथात पबितर सहर, लया यरुसलेम, स्वरगसे निचा आबैत देखलियै।
उ धैनके चियै, जे अगमबानीके यि बचनसब जोरसे अबाज निकालके परहैछै, सुनैछै आ ओइमे लिखल बातके पालन करैछै, कथिलेकी यि बात पुरा हैबला समय लगचियागेलछै।
“देख, हम जल्दिए आइबरहल चियौ। हरेक लोकके ओकरासबके करल आपन-आपन काम अनुसारके दैबला इनाम हमरसङे छै।
जे जित्तै, तकरा हम आपन परमेस्वरके मन्दिरके एकटा खम्हा बनाइबै आ ओतेसे उ कहियो नै बाहर निकल्तै। हम ओकरामे परमेस्वरके नाम आ हमर परमेस्वरके सहरके नाम अरथात स्वरगसे निचा आबैबला यरुसलेम लिख्बै तब ओइमे हमर आपन लया नाम सेहो लिख्बै।’
तब स्वरगसे हम एकटा एहेन अबाज सुनलियै, “यि बात लिख: आबसे परभुके सेबा करैत-करैत मरैबला लोक धन्यके चियै।” पबितर आत्मा अनङ जबाफ देल्कै, “साँचेके! उसब आपन आपन मेहनतसे आराम पाबतै, कथिलेत उसब आपन करल काम अनुसार इनाम पाबतै।”
मारलगेल थुमाके जिबनके किताबमे सन्सारके सिरिस्टी हैसे पहिने नाम लिखल लोकसब बाहेक पिरथिबीमे रहैबला सबकोइ ओइ जानबरके पुजा करतै।
जे जित्तै, हम ओकरा हमर सिंहासनमे हमरसङे बैठैले हक देबै, जनङ हम जितलियै आ आपन पितासङे ओकर सिंहासनमे बैठल चियै।’
जे जित्तै आ अन्ततक हमर इक्छा पुरा करैतजेतै, तकरा हम जाती-जाती उपर अधिकार देबै।
‘जकरा कान छै, उ पबितर आत्मा मन्डलीसबके कथी कहैछै से बात सुने। जे जित्तै, ओकरा दोसर मिरतु किछो हानी नै करतै।’”
जकरा कान छै, से पबितर आत्मा मन्डलीसबके कथी कहैछै से बात सुने। जे जित्तै ओकरा परमेस्वरके स्वरगलोकमे भेल जिबन दैबला गाछिके फल खाइले देबै।’”
महज मन्दिर बाहरके अङनाके नै नाप कथिलेकी उ त गैर-यहुदी लोकसबके देलगेलछै आ उसब बयालिस महिनातक पबितर सहरके लतम-लत करतै रहतै।
तब सिंहासनमे बिराजमान रहैबला परमेस्वर कहल्कै, “देख! हम सबचिज लया बनाइबै।” उ हमरा अहिनङो कहल्कै, “यि लिख, यि बात बिस्बासयोग्य आ सत छै।”
“देख, हम जल्दिए आइबरहल चियौ। धैनके चियै उ, जे यि किताबमे लिखल अगमबानीके बचन पालन करैछै।”