6 उ हमरा कहल्कै, “आब सबकाम पुरा भ्यागेलै! अल्फा आ ओमेगा, सुरु आ अन्त हम्ही चियै। जकरा-जकरा पियास लागल छै, हम ओइसबके मङनिएमे जिबनके पानीके भबसे पियैले देबै।
येसु ओकरा जबाब देल्कै, “परमेस्वर तोरा दैबला बरदानके आ तोहर सङे पानी माङैबला लोकके चिनतिही त, तु ओकरसे माङतिही आ उ तोरा जिबनके पानी देतियौ।”
कथिलेत सिंहासनके बिचमे रहैबला थुमा ओकरासबके चरबाहा हेतै, ओकरासबके डोरियाइत जिबनके पानीके मुलमे लजेतै आ परमेस्वर ओकरासबके आँखके सब लोर पोइछदेतै।”
महज हमर देल पानी पियैबला फेनो कहियो नै पियासल रहतै, कथिलेत हमर देल पानी ओकर भितरसे निकलैबला पानीके मुल हेतै आ ओकरा अनन्त जिबन देतै।”
परमेस्वर आपने निज बेटाके बचाके नै राखल्कै, महज ओकरा अपनेसबके लेल देल्कै त, कि उ अपनासबके जम्मे चिज ओकरसङे नै देतै से?
पबितर आत्मा आ कनिया कहैछै, “आबु!” जे लोक सुनैछै, उहो लोक कहे कि, “आबु।” जे पियासल छै, उ आबे आ जकरा इक्छा लागैछै उ जिबनके पानी मङनिएमे पिबे!
सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर कहैछै, “सुरु आ अन्त हम्ही चियै।” हम उहे चियै, जे छै, जे छेलै आ जे एतै।
महज परमेस्वरके अनुगरहसे खिरिस्टमे बिस्बास करैबला लोकसबके मङनिएमे पापसे धरमी ठहराइल्कै।
हम अल्फा आ ओमेगा, पहिन्का आ पछिल्का, सुरु आ अन्त चियौ।”
सातम स्वरगदुत आपन बाटी हबामे झाइक देल्कै। तब परमेस्वरके सिंहासनसे एकटा एहैन अबाज एलै, “आब समाप्त भेलै।”
ओकरा देखके हम मरल जखा भेलियै आ ओकर टाङमे खैस परलियै। तखन उ हमर मुरमे दहिना हाथ राखैत कहल्कै, “नै डेरा, सुरु आ अन्त हम्ही चियै।
हमसब सन्सारके आत्मा नै, महज परमेस्वरके पबितर आत्मा पाबनेचियै, ताकि उ अपनासबके खुसिसे जे चिज देनेछै ओइके बुझैले सकी।
जुगो-जुगतक जिबित रहैबला, अकास, पिरथिबी, समुन्दर आ ओइमे भेल सब चिज सिरिस्टी करैबला परमेस्वरके नाममे उ किरिया खाके कहल्कै, “आब देरी नै हेतै।
कोनो लोक ओइ जगमे सोना, चानी, बहुमुल्य पथल, काठ, खर या लार-पुवारसे घर बनाबैले सकैछै,
“तु जे देखैचिही, से एकटा किताबमे लिख आ सातो मन्डलीके अरथात एफिसस, इस्मुरना, परगामम, थिआटिरा, सारडिस, फिलाडेल्फिया आ लाउडिकियाके पठा।”
तैखातिर लोक उपर कोइ नै घमन्ड करे। कथिलेत सबकुछ तोरेसबके चियौ,
अपोल्लोस के चियै? आ पावल के चियै? हमसब त परमेस्वरके खट्याल सेबकसब मातरे चियै, जकरसे तुसब बिस्बास करलिही। हमसब त परभुके खट्याल काम मातरे करैचियै।
तब उ सामरी जनी कहल्कै, “मालिक, अहाँसङे त पानी भरैले डोलो नै छै, इनार बहौत गैहर छै। जिबनके पानी अहाँ कतसे आन्बै?
“लाउडिकियाके मन्डलीके देख-भाल करैबला दुतके यि लिख: ‘परमेस्वरके सिरिस्टीके सासक, जे बिस्बास योग्य, साँचो साक्छी आ आमेन चियै, उ अनङ कहैछै।