10 तब जाती-जातीके लोकसबके बहकाबैबला दुस्टके रजा सैतानके आइग आ गन्धकके खाइदमे फेकदेल्कै, जते जानबर आ झुठा अगमबक्तासबके फेकने छेलै। ओते उसब दिन-रात सबदिन दुख-कस्ट भोगैतरहतै।
“तकरबाद उ आपन बमा कता भेल्हासबके कहतै, हे परमेस्वरसे सराप पाबलाहा लोकसब। हमरसे दुर चैल जो! सैतान आ ओकर दुतसबके लेल तैयार करल कहियो नै मुझाइबला आइगमे चैल जो।
महज उ जानबर आ ओकर अगा अचमके चेन्हा देखाइबला झुठा अगमबक्ता दुनु पकराउमे परलै। एहैन अचमके कामसे झुठा अगमबक्ता ओइ जानबरके छाप लगाइबला आ मुरती पुजा करैबलासबके बहकाइने छेलै। दुनुके जिबिते आइगके धिधरामे फेक देल्कै।
तब उसब दन्डके भागिदार हेतै, महज धरमीसब अनन्त जिबन पाबतै।”
तब पिरथिबीके चारुदिसनसे लोकसबके बहकाइले या गोग आ मागोगके लराइके लेल जम्मा करैले निकल्तै। उसबके सङख्या समुन्दरके बालु सरह हेतै।
तब हम अजेगरके मुहसे, जानबरके मुहसे आ झुठा अगमबक्ताके मुहसे बेङ जखा तिनटा असुध आत्मासबके निकलैत देखलियै।
“झुठा अगमबक्तासबसे होसियार रह, जे तोरासबके बिचमे भेंराके भेसमे आबैछौ, महज भितरसे उसब भुख्याल नरहिया जखा हैछै।
हमर दरसनमे देखापरल घोरा आ घोरसबारसब एहेन छेलै, ओकरासबके छातिके कबच आइग जखा लाल, निल आ हरदी रङके छेलै। घोरासबके मुरी सिंहसबके मुरी जखा छेलै आ ओइसबके मुहसे आइग, धुवाँ आ गन्धक निकलैछेलै।
[नरकमे नै त किरा मरैछै नै त आइगे बुताइछै।]