20 हे स्वरगमे भेल्हासब, उ सहर नास भेलासे खुस हो। हे परमेस्वरके पबितर जनसब, परेरितसब आ अगमबक्तासब सबकोइ आनन्द मना! कथिलेत तोरासबके सताबैके कारन परमेस्वर ओकर नियाय करने छै।
तब उसब अनङ कहैत जोरसे चिच्याके कहल्कै, “हे सरबसक्तिमान, पबितर आ सत परभु, पिरथिबीमे हमरासबके मारैबलाके अहाँ कहियातक इन्साफ नै करबै आ हमरासबके लहुके बदला नै लेबै?”
तै खातिर स्वरग आ ओते रहैबलासब आनन्द मना! महज पिरथिबी आ समुन्दरमे कतहेक दुख हेतौ! कथिलेत तोरासबके बिचमे सैतान करोधके साथ उतैरके एलछौ, आ ओकर समय ओराइले लागलछै से ओकरा मालुम छै।”
महज, हे पिरिय भाइ-भैयासब, अपनासबके परभु येसु खिरिस्टके परेरितसबके पहिने कहलहा बातसब याद कर।
पहिनेके पबितर अगमबक्तासबके बोलल अगमबानी आ तोरासबके परेरितसबसे अपनासबके परभु आ मुक्ती दैबला परभुके देल आग्या तोरासबके सम्झैले परतौ।
वह्या ककरो आपन परेरितसब, ककरो अगमबक्तासब, ककरो परचारकसब, ककरो मन्डलीके देख-भाल करैबला पास्टरसब आ ककरो सिक्छकसब नियुक्त करल्कै।
परेरित आ अगमबक्तासबके खुनल जगमे बनल घर तुसब चिही। यि जगके मुल खम्हा येसु खिरिस्ट आपने चियै।
पहिने यि रहसके बात औरो कोनो लोकके थाह नै देनेरहै, महज अखुन यि रहसके बात आपन पबितर परेरित आ अगमबक्तासबके परमेस्वर आपन पबितर आत्मासे परकट कैरदेनेछै।
उ महानगरी तोरासबके जहिनङे कराइने छेलौ, ओकरो ओहिनङे कर। उ तोरासबके लेल जनङ काम करने छेलौ, ओकर दोबर फिरता कैरदहै। उ तोरासबके लेल बाटीमे जतहेक मध भरनेछेलै, ओकरसे दोबर करा मध ओकरा दहै।