15 तब स्वरगदुत हमरा कहल्कै, “तु जे बेबिचारनी जनीके समुन्दरके पानी उपर बैठल देख्ने छेल्ही, उ त देससब, भिरसब, जातीसब आ भसासब चियै।
तब सात बाटी लेल सात स्वरगदुतमेसे एक गोरे हमर लगमे आइबके कहल्कै, “एते या, हम तोरा नाम चलल बेबिचारनी जनीके कनङके सजाय दैछै से देखाइबौ। उ बेबिचारनी जनी समुन्दरके पानी उपरमे रहैछेलै।
सारहे तिन दिनतक हरेक देस, कुल, भसा आ जातीके लोकसब ओकरासबके लहास देखतै महज ओकरासबके लहासके गारैले नै देतै।
तब हमरा अनङ हुकुम भेलै, “तोरा बहुत लोकसबके, बहुत जातीसबके, बहुत भसा आ बहुत रजासबके बारेमे अगमबानी फेनसे सुनाइले परतौ।”
उसब अनङ कहैत एकटा लया गित गाबल्कै, “यि कागतके मुठा लैले आ अकर लाहटके तोरेके योग्य अहाँ मातरे चियै, अहाँ मारल गेलियै आ आपन लहुसे अहाँ परमेस्वरके लेल सब कुल, भसा, जाती आ देसके लोकसबके छुटकरा देलियै।