2 तकरबाद पहिल्का स्वरगदुत आपन बाटी पिरथिबीमे झाइक देल्कै। तैखातिर उ जानबरके छाप लागल आ मुरतिके पुजा करैबला लोकसबके देहमे घिनलागैबला आ एकदम दुखाइबला घाँह-घौससब निकल्लै।
पहिल्का स्वरगदुत आपन तुरही फुकल्कै त लहुसङे मिझराइल पथल आ आइग पिरथिबीमे बरसलै। जकर कारन पिरथिबीके एक तिहाइ भाग, गाछसबके एक तिहाइ भाग आ सब हरियर घास-पतार डैहगेलै।
तब उसबके घाँह-घौसके दुखसे स्वरगमे रहैबला परमेस्वरके सरापल्कै महज आपन करल पापसे पस्चताप करैले नै मानल्कै।
महज परमेस्वरके परसन्सा नै करैके कारन तखुन्ते परभुके एकटा स्वरगदुत ओकरा फटसे मारल्कै आ ओकर देहमे खसर-खसर पिलुवा फैरके मरगेलै।
तब बादल उपरमे बैठलहा पिरथिबीमे आपन हसुवा चलेल्कै आ पिरथिबीके सब बाली कटनी भेलै।
दोसरका जानबर पहिल्का जानबरके लेल ओकर पुरे अधिकार चलाइ छेलै। पिरथिबी आ ओइमे भेल सब लोकसबके पहिन्का जानबरके पुजा करैले कर लगाइछेलै, जकर बहौत गैहर चोट निक भेल छेलै।
तकरबाद तेसर स्वरगदुत बरका अबाजमे अनङ कहैत ओइसबके पछा लाग्लै, “यदि कोनो लोक ओइ जानबर आ ओइ मुरतिके पुजतै आ कपारमे या हाथमे ओइके चेन्हा लगाइतै त,
तब हम मन्दिरसे सात स्वरगदुतके जोरसे एहैन कहैत सुनलियै, “तुसब जो आ परमेस्वरके करोधके सात बाटी पिरथिबीमे झाइक दहै।”