13 तब हम अजेगरके मुहसे, जानबरके मुहसे आ झुठा अगमबक्ताके मुहसे बेङ जखा तिनटा असुध आत्मासबके निकलैत देखलियै।
महज उ जानबर आ ओकर अगा अचमके चेन्हा देखाइबला झुठा अगमबक्ता दुनु पकराउमे परलै। एहैन अचमके कामसे झुठा अगमबक्ता ओइ जानबरके छाप लगाइबला आ मुरती पुजा करैबलासबके बहकाइने छेलै। दुनुके जिबिते आइगके धिधरामे फेक देल्कै।
तब जाती-जातीके लोकसबके बहकाबैबला दुस्टके रजा सैतानके आइग आ गन्धकके खाइदमे फेकदेल्कै, जते जानबर आ झुठा अगमबक्तासबके फेकने छेलै। ओते उसब दिन-रात सबदिन दुख-कस्ट भोगैतरहतै।
उ जोरसे एहेन कहल्कै, “महानगरी बेबिलोनके बिनास भेलै! उ महानगरी भुतसबके रहैबला घर, सब परकारके दुस्ट आत्मा, सब असुध आ घिरनित चिरै-चुरगुनसबके अखरा भेलछै।
उसब अचमके चेन्हा देखाइबला आत्मासब चियै। उसब पिरथिबीके जम्मे रजासब लग जाइछै आ सरबसक्तिमान परमेस्वरके महान दिनमे जुध करैले ओकरासबके जमा करैछै।
“झुठा अगमबक्तासबसे होसियार रह, जे तोरासबके बिचमे भेंराके भेसमे आबैछौ, महज भितरसे उसब भुख्याल नरहिया जखा हैछै।