14 तब हम एकटा उजर बादल आ ओइ बादलमे मानबके बेटा जखा एकटा लोक बैठल देखलियै। जकर मुरीमे सोनाके मुकुट छेलै आ हाथमे एकटा चोख हसुवा छेलै।
हम डैठके बिचमे मानबके बेटा जखा टाङतक लाम बस्तर लगाइने आ छातिमे सोनाके चाकर-चौरस फिता लगाइने एक गोराके हम देखलियै।
महज हमसब येसुके देखैचियै कि परमेस्वरके अनुगरहके कारनसे उ सबके लेल मरैले सके कैहके एकछनके लेल स्वरगदुतसे ओकरा छोट करल्कै। उ अपनासबके लेल मिरतुके दुख भोगल्कै, ओहैसे परमेस्वर ओकरा महिमा आ आदरके मुकुट पिन्हाइल्कै।
तकरबाद मानब पुतरके सक्ती आ महामहिमासङे बादलमे आबैत उसब देख्तौ।
पतरुस यि बात बाजतेछेलै कि तखुन्ते एकटा चम्कौवा बादल एलै आ छाहसे ओइसबके झाइपदेल्कै। तकरबाद ओइ बादलसे एकटा एहेन अबाज एलै, “यि हमर दुलरुवा बेटा चियै, अकरसे हम बहौत खुसी चियै, अकर बात धियानसे सुन।”
हमर अगा एकटा उजर घोरा देखा परलै आ ओकर उपर सबार भेल लोक एकटा धनुस लेने छेलै, तकरबाद परमेस्वर ओकरा एकटा मुकुट देल्कै तब उ दोसरके जितैके लेल अगा बरहलै।
देख, उ बादलमे आइबरहलछै आ हरेक लोक ओकरा देख्तै, उहोसब देख्तै जेसब ओकरा भालासे भोक्ने छेलै। सन्सारके सब जातीके लोक ओकर कारन बिलाप करतै। पक्का ओहिने हेतै। आमेन!
तकरबाद हम एकटा बरका उजर सिंहासन आ ओइमे बैठैबलाके देखलियै। पिरथिबी आ अकास ओकर सामनेसे भाग्लै आ उसब फेनसे कहियो नै देखा परलै।
ओकर आँख त आइगके धिधरा जखा छेलै आ ओकर मुरीमे बहुत मुकुटसब छेलै। ओइमे एकटा लया नाम लिखल छेलै, महज उ नाम ओकर बाहेक औरो ककरो थाह नै छेलै।
“हे सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर, अहाँ जे चियै आ छेलियै, हमसब अहाँके धन्यबाद चरहाइचियै, कथिलेत अहाँ आपन महान अधिकार हाथमे लेनेचियै आ आपन सासन करैले सुरु करल्कै।
तकरबाद हम दोसर सक्तिसाली स्वरगदुतके स्वरगसे निचा उतरैत देखलियै। ओकर देह बादलसे झापल छेलै आ मुरी उपर पैनसोका छेलै। ओकर चेहरा सुरुजके जखा आ ओकर टाङसब आइगके खम्हा जखा छेलै।
जब अन पाकैछै, तब तुरन्ते उ हसुवा लगाबे लागैछै, कथिलेत बाली काटैके समय भेलरहैछै।”
बाली काटै बखत तक दुनुके सङे-सङे बरहेदहै। गहुम काटै बखत हम काटैबलासबके कहबै, ‘पहिने झरके ढेरिया आ डाहैले बोझा बान्ह, तब गहुमके हमर बेखारीमे राख।’”