13 तखुन्ते एकटा बरका भुमकौन गेलै आ सहरके दस भाग खैसपरलै। उ भुमकौनसे सात हजार लोक मरलै। बाकी बचलहासब डरसे स्वरगके परमेस्वरके महिमा करल्कै।
उ बरका अबाजमे कहल्कै, “परमेस्वरके डर मान आ ओकर महिमा कर, कथिलेत ओकर नियाय करैबला समय आइबगेल छै। स्वरग, पिरथिबी, समुन्दर आ पानीके भवसब बनाबैबला परमेस्वरके आराधना कर।”
जब थुमा छठमा लाहटके तोरल्कै, तब हम बरका भुमकौन गेल देखलियै। सुरुज अन्हार रात जखा करिया भेलै आ चान लहु जखा पुरे लाल भेलै।
हे परभु, अहाँके डर के नै मानैछै? आ अहाँके नामके महिमा के नै करैछै? कथिलेकी अहाँ मातरे पबितर चियै। सब जातीके लोकसब आइबके अहाँके अगा आराधना करतै, कथिलेत अहाँके धारमिक कामसब परकट भेलछै।”
तखन स्वरगमे परमेस्वरके मन्दिर खुल्लै आ ओकर मन्दिर भितर ओकर करारके सन्दुक देखापरलै। तब अकासमे बिजली चमैक उठलै। डरलागैबला अबाज सुनाइ देल्कै आ मेघके गरजन सुनेलै, भुमकौन गेलै आ बरका बरका पथल परलै।
महज सारहे तिन दिनके बाद परमेस्वरसे जिबनके साँस ओकरासबमे ढुकलै आ उसब आपन टाङमे ठार भेलै, तब ओकरासबके देखैबलासबके बरका डर भेलै।
तकरबाद उ स्वरगदुत धुपदानी लेके ओइमे बेदीके आइग भरल्कै आ पिरथिबीमे फेकल्कै त मेघ गरजनके आबाज एलै, बिजली चमैक उठलै आ भुमकौन गेलै।
हमसब आनन्द मना आ खुसी हो! ओकर जयजयकार कर! कथिलेत थुमाके बियाहके दिन चैलएल छै आ ओकर कनिया आपनेके तैयार करने छै!
महज सारडिसमे कतहेक एहेन लोकसब छै, जे आपन बिस्बासके बस्तर जखा पापसे मैल नै बनाइनेछै। उसब हमरसङे उजर बस्तर लगाके चल्तै कथिलेकी उसब अनङ करैके योग्य छै।
ओइ दिनमे करिब एकसय बिस गोरा बिस्बासीसब एक ठाम जम्मा भेल छेलै तब पतरुस उसबके बिचमे ठडा भ्याके कहल्कै,
तब यहुदीसब ओइ अन्हर लोकके फेनो दोसर बेर बोल्याके कहल्कै, “परमेस्वरके अगा सत-सत बाज, हमसब जानैचियै कि, यि लोक पापी चियै।”