10 यि दुनु साक्छी दैबलाके मिरतु भेलाके कारन पिरथिबीके लोकसब खुसियाली मनाइतै। एक दोसरके उपहार पठाके आनन्द मनाइतै, कथिलेकी यि दुनु अगमबक्तासब पिरथिबीमे रहैबला लोकसबके बहुत दुख देने छेलै।
पिरथिबीके सब जातीसबके जाँचैले अइ सन्सारमे आबैबला दुख कस्टसे हम तोरा बचाइबौ, कथिलेकी तुसब बहुत बात सैहके हमर आग्यापालन करनेचिही।
जब उसब यि बातसब सुनल्कै तब महासभाके सदससब रिससे चुरभेलै आ ओइसबके मारैले चाहल्कै।
सन्सारके लोकसब तोरासबके घिरना नै करे सक्तौ, महज हमरा त घिरना करैछै, कथिलेत उसबके काम दुस्ट छै कैहके हम गबाही दैचियै।
हमर खातिर तुसब लोकसबसे घिरनित हेब्ही। महज जे अन्तिम दिनतक स्थिर रहतै, उ उदार पाबतै।
पहिन्का जानबरके लेल देखाइबला अजगुतके चेन्हासब दुवारा उ सन्सारके सब लोकसबके बहकेल्कै। तरबारके बहौत गैहर चोटसे निक भेल ओइ जानबरके सम्मानमे एकटा मुरती बनाबैके आदेस दोसर जानबर सन्सारके लोकसबके देल्कै।
मारलगेल थुमाके जिबनके किताबमे सन्सारके सिरिस्टी हैसे पहिने नाम लिखल लोकसब बाहेक पिरथिबीमे रहैबला सबकोइ ओइ जानबरके पुजा करतै।
परेम खराबीमे खुसी नै हैछै, महज सत बातमे खुसी हैछै।
साँचोके हम तोरासबके कहैचियौ, तुसब कानबिही आ खिजबिही, महज सन्सार खुसी हेतौ। तुसब दुखमे परबिही, महज तोरासबके दुख, खुसी आ आनन्दमे बदैल जेतौ।
तब पाचम स्वरगदुत आपन बाटी उ जानबरके सिंहासनमे झाइक देल्कै आ ओकर राज अन्हार भेलै। लोकसब दुख-कस्ट सहैले नै सक्लासे आपन जिहके दातसे काटल्कै।
तब उ अजेगर आपनके पिरथिबीमे फेकल चियै से बात थाह पाइबके बेटा जलमाइबाली जनिके खिहारैले लाग्लै।