तकरबाद हम ताकलियै त कोइ नै गनैले सकैबला लोकसबके एकटा बरका भिर देखलियै। उसब हरेक जाती, हरेक कुल, हरेक देस आ हरेक भसाके लोक छेलै। उसब उजर बस्तर पिन्हके हाथमे खजुरके ठाइर लेके सिंहासन आ थुमाके अगा ठारभेल हम देखलियै।
तब करनेलियस जबाब दैत कहल्कै, “चार दिन अगाके बात चियै। दिनके तिन बजे हम आपने घरमे परथना करैत रहियै। एकाएक चम्कैबला बस्तर पिन्हल एकटा लोक हमर अगामे ठार भेलै,