11 महज तुसब कहैचिही कि, यदी कोनो लोक आपन बाबु-माँ के कहैछै ‘जे कुछ हमरसे मदत अहाँसबके मिलत उ हमर त्याग चियौ’ (अरथात परमेस्वरके चरह्याल)
फेनो ‘बेदी छुइबके किरिया खेब्ही त कुछो नै हेतौ, महज बेदीमे चह्याल भेटीके छुइबके किरिया खेलासे किरिया लाग्तौ’ कैहके सिखाबैचिही।
महज तुसब कहैचिही, ‘अदी कोनो लोक आपन माँ-बाबुके एहेन कहैछै, “देखु, हम अहाँसबके दैबला जे कुछ छेलै से हम परमेस्वरके चरह्यादेने चियै।”
मुख पुजारीसब चानीके डलर उठाके कहल्कै, “अकरा मन्दिरके खजानामे राखैले उचित नै हेतै, कथिलेत यि लोक मारैके लेल द्याल टका चियै।”
आ तुसब ओकरा आपन माँ-बाबुके लेल कुछो करैले नै दैचिही।