1 निस्तार पाबैन आ अखमिरी रोटीके पाबैन हैले दुइ दिन बाकी छेलै। मुल पुजारीसब आ धरमगुरुसब ओकरा कनङ छलसे पकरबै आ मारबै तै दाउमे रहै।
निस्तार पाबैनसे पहिने, येसु अइ सन्सार छोइरके पितालग जाइबला समय आइबगेल छै से उ जानैछेलै। तब उ सन्सारमे भेल आपन चेलासबके परेम करल्कै आ अन्तिम समयतक उसबके परेम कैरते रहलै।
तब मुल पुजारीसब आ फरिसीसब महासभाके सदससबके बोल्याके कहल्कै, “आब अपनासब कथी करबै? यि लोक त बहुतो अजगुतके कामसब कैररहलछै।
महज फरिसीसब सभाघरसे बाहर निकैलके ओकरा कनङके मारबै कैहके आपनेमे सल्लाह करे लाग्लै।
“जब तुसब दान दैचिही त, आपनेसे ढोल नै पिट, जनङ कपटीसब सभाघरसब आ रस्तामे लोकसबसे आपन परसन्सा पाबैले करैछै। साँचे हम तोरासबके कहैचियौ, ओइसबके आपन इनाम भेटगेलछै।
महज उसब कहने रहै, “पाबैनके समयमे नै, नै त ओतेका लोकसबमे उपदर मैचजेतौ।”
अखमिरी रोटी पाबैनके पहिन्का दिनमे जब उसब निस्तार पाबैनमे भेंराके बैलभोग चरहाइछेलै, तब चेलासब ओकरा पुछल्कै, “अहाँके इक्छा कथी छै? हमसब कते ज्याके अहाँके खातिर निस्तार पाबैनके भोज तैयार करबै?”
तब हेरोद पतरुसके पकरलाके बाद जहलमे बन कैरदेल्कै आ चार-चार गोरेके चारटा समुह बनाके पहरा द्याके राखल्कै। निस्तार पाबैन ओरेलाकेबाद जनताके सामने आनैके ओकर बिचार छेलै।