44 कथिलेत औरो लोकसब बेसी भेल उबरल-पुगरलमेसे दान करने छै महज यि बिधुवा त आपन जिबन चलाइबला सरा कमाइ चरहाइने छै।”
जे लोकसङे सन्सारके धन-सम्पैत छै, महज आपन भाइके घटि-कमीमे देखभाल करैले मन कठोर करैछै त वेहन लोक परमेस्वरके कनङ परेम करे सक्तै?
यि जनी जे कुछ करे सक्तियै ओह्या करल्कै। यि हमर देह गारैसे पैहनैये गमकौवा अतर लग्याके तैयार कैने छै।
महज अहाँके सम्पैत रन्डीवाजमे उराइबला बेटा एल त बरका मोटगरहा खसी काइटके भोज करलियै।’
एक दिन छोटका बेटा आपन बाबुके कहल्कै, ‘बाबुजी, हमर हिस्सामे परैबला धन-सम्पतीके अंस हमरा अखनिय दिय।’ तब ओकर बाबु आपन सम्पैत दुनु भैयारीमे बाइट देल्कै।
ओइ भिरमे कोइ नै निक करे सकल बारह बरिससे रक्तसराव रोगसे पिडित एक गोरे जनी छेलै।
तब येसु चेलासबके आपनलग बोलाके कहल्कै, “साच्चे हम तोरासबके कहैचियौ, यि गरिब बिधुवा औरो लोकसबसे बेसी दान करने छै।