2 “जब तुसब दान दैचिही त, आपनेसे ढोल नै पिट, जनङ कपटीसब सभाघरसब आ रस्तामे लोकसबसे आपन परसन्सा पाबैले करैछै। साँचे हम तोरासबके कहैचियौ, ओइसबके आपन इनाम भेटगेलछै।
“जब तुसब परथना करैचिही त, तखुन कपटी जखा नै बन, कथिलेत उसब सभाघरसबमे आ रस्ताके कात-करौतके लोकसब देखे कैहके ठरा भ्याके परथना करैछै। साँचोके, हम तोरासबके कहैचियौ, उसबके आपन इनाम मिलगेलछै।
“जब तुसब उपास बैठैचिही तब कपटी जखा उदास चेहरा नै देखा। कथिलेत लोकसबके उपास बैठल देखाइले उसब आपन मुह मलिन करने रहैछै। साँचे हम तोरासबके कहैचियौ, ओकरासबके मिलैबला पुरे इनाम मिलगेलछै।
“हम लोकसबसे परसन्सा नै चाहैचियै,
एक दोसरके भलाइ करैले आ आपनसङे भेल चिज बाटचुट करैले नै भुल, कथिलेत अहिनङे बलीसबमे परमेस्वर परसन्न हैछै।
“निक-निक धोती-कुरता पिन्हके अगल-बगल घुमैबलासबसे, रस्तामे चलै फिरै बखत अभिबादन चाहैबलासब, बैठकीमे परमुख आसन माङैबला आ भोज भातमे कमरमे बैठैबला धरमगुरुसबसे होसियार रह।
जे कोइ आपन मनसे बोलैछै, उ आपने महिमा ताकैछै, महज जे अपना पठाइबलाके आदर खोजैछै, उ सत लोक चियै आ ओइमे कोनो कपट नै रहैछै।
जे बोलैबला बरदान पाबनेछै से परमेस्वरके बचनसे बोले। जे सेबा करैछै से परमेस्वरके देल सक्तिसे सेबा करे ताकी सब कामसे येसु खिरिस्ट दुवारा परमेस्वरके परसन्सा हेबे। ओकर महिमा आ सक्ती सबदिन रहे। आमेन।
जे चोराबैछै आबसे उ चोरी नै करे। बरु मेहनत कैरके आपने हाथसे कमाबे आ अभाबमे परलहासबके मदत करैले सके।
उसब गरिबसबके याद कर कैहके मातरे हमरासबके समझाइल्कै आ हम ओहिनङे करैले चाहैछेलियै।
करनेलियस स्वरगदुत दिसन डेरा-डेराके ताकल्कै आ कहल्कै, “कहु परभु” स्वरगदुत कहल्कै, “तोहर परथना आ गरिबसबके उपर देख्याल दयाके कामसब परमेस्वर देख्ने छौ। परमेस्वर तोहर सब असल कामके भेटीके रुपमे सुइकार करनेछौ।
आन लोकके भलाइ करैले, असल काममे धनिक हैले, खाचोमे परलहा लोकसबके सहायता करैले आ आपनसङे भेल चिज औरोसबके दैले ओइसबके कह।
जकरसङे अरति-उपदेस दैबला बरदान छै त, अरति-उपदेस दैबला काम करे, दान दैबला बरदान पाबलहासब खाचोमे परलहासबके उदार-चितसे दान देबे, अगुवाइ करैबला पुरा मन लग्याके अगुवाइ करे, दया करैबला खुसिसाथ लोकसबके दया करे।
“बहुत बरिस बितलाकेबाद हम आपन जातीके भाइ-भैयारीसबके दान आ परमेस्वरके भेटी चरहाबैके लेल यरुसलेम एल छेलियै।
आ कहल्कै, ‘करनेलियस, परमेस्वर तोहर परथना सुन्नेछौ आ तोहे गरिबसबके दान करल असल कामसब उ जानैछै।
उ परमेस्वरके भक्त छेलै। उ आ ओकर परिबारके सब सदस परमेस्वरके डर मानैबला लोकसब रहै। उ गरिबसबके उदारचितसे दान करैछेलै आ परमेस्वरसङे लगातार परथना करैतरहै छेलै।
योप्पा सहरमे एकटा तबिता नामके जनी बिस्बासी रहै, जकरा गिरिक भसामे “डोरकस” कहैछेलै। (जकर मतलब हरिनी चियै।) उ असल काम आ गरिबसबके दान द्याके हरदम सहयोग करैछेलै।
यहुदासङे पैसाके बटुवा छेलै तैल्याके कोइ-कोइ सोच्ने छेलै कि येसु पाबैनके लेल कुछो समान चाही से किनके आन या कुछ गरिबोसबके बाइट दहै कहने हेतै।
तुसब एक-दोसरसे आदर खोजैचिही, महज परमेस्वरसे ल्याल आदरके कोनो वस्ते नै करैचिही त, तुसब कनङके बिस्बास करे सकबिही?
आपन आँखके ढेङ नै देखैचिही त आपन भाइके कनङके कहे सकबिही, ‘ला त तोहर आँखके कुरकुट निकाइल दैचियौ।’ ऐ कपटीसब! पहिने आपन आँखके ढेङ निकाल तब दोसरके आँखके कुरकुट असलसे देखे सकबिही।”
या सभाघरसबमे आ भोज-भतेरमे आदरके ठामसबमे बैठैले ताकैछै।
हे हमर भाइ, तोहर परेमसे हम बहौत आनन्द आ सानत्वना पाबनेचियै, कथिलेकी तोहरसे परमेस्वरके जनसबके हिरदय फेनसे तजा भेल छै।
हमसब लोकसबसे आदर नै खोजलियै, नै त तोरासबसे आ नै आन गोरासे। हमसब खिरिस्टके परेरित भेलाके कारन तुसब हमरासबके आदर कर कैहके कहेसक्तीयौ।
तब अगाबसके भबिसबानी सुइनके परभुके बिस्बासीसब यहुदिया इलाकामे रहैबलासबके मदत करैके खातिर उसब जतहेक सक्तै ततहेक भेटी पठाइले बिचार करल्कै।
महज परभु ओकरासबके जबाफ देल्कै, “ए कपटीसब, के पबितर बिसरामके दिनमे आपन गाइ या गदहाके खुट्टासे घुरी खोइलके पानी पिआइले नै लजाइचिही से?
ऐ कपटीसब! तुसब अकास आ धरतीके लछनसब कैह दैले सकैचिही, महज यि समयके अरथ लगाइले नै जानैचिही?
तुसब आपन धन बेचके गरिबसबके दहै। आपन खातिर कहियो नै फाटैबला बटुवा तैयार कर। तहिनङे कहियो नास नै हैबला धन स्वरगमे जमा कर। जते चोर नै एतौ आ नै किरो लागतौ।
“तु फरिसीसबके धिक्कार! कथिलेत तुसब यहुदी सभाघरसबमे आदरके ठाउ आ बजारके रस्ता चलैत खिना लोकसबसे गोरलगी चाहैचिही।
महज भितरोमे राखल चिजसब गरिबसबके दान दहै, तब तोरासबके खातिर सबचिज सुध हेतौ।
महज धिक्कार, तोहे धनिक्हासबके कथिलेत तोरासबके सुख-चैन मिलल छौ!
येसु उसबके जबाफ देल्कै, “ए कपटीसब, यसैया अगमबक्ता तोरासबके बारेमे ठिके अगमबानी करने छेलौ, ‘यि जाती हमरा आपन मुहसे मातर आदर करैछै, महज उसबके हिरदय हमरसे दुर छै।
तब मालिक ओकरा कठोर दन्ड देतै आ ओकरा कपटीसबके बिचमे फेक देतै, जते लोकसब कानैत रहैछै आ दात किटकिटाइत रहैछै।”
भोज-भातमे आदरके ठाम आ सभाघरसबमे परमुख आसनके ठाम बैठैले चाहैछै।
महज येसु ओइसबके दुस्ट बिचार थाह पाइबके कहल्कै, “ए कपटीसब, छल कैरके हमरा कथिले फसाइले चाहैचिही?
आ अनगुतमे अकासके लाल आ करिया बादल लागल देखके थाह हैछौ कि, ‘आइके अन्हर-बिहाइर एतौ।’ तुसब अकासके अबस्था देखके मौसम बताइले जानैचिही, महज यि समयके लछनसबके अरथ खोलैले नै जानैचिही?
हे कपटीसब! यसैया अगमबक्ताके कहल बातसब तोरासबमे जहिनाके तहिना मिलैछौ-
ऐ कपटीसब! पहिने आपन आँखके ढेङ निकाल तब तु आपन भाइके आँखके कुरकुट निकालैले निकसे देखे सकबिही।
कथिलेत साँचे हम तोरासबके कहैचियौ, जबतक स्वरग आ पिरथिबी खतम नै हेतै तबतक बेबस्थामे लिखल बात बिना पुरा भेने छोटसे छोट बुन्का ओकर एकोटा आछर तक नै बुताइतौ।
महज जब तु दान दैचिही, तोहर देहना हाथ कथी कैर-रहलछै से बमा हाथके थाह नै हेबे।
सबकाम उ सब देखाबैके लेल मातरे करैछै। उसब आपन हाथमे आ कपारमे बेबस्थामे लिखल बातसब जन्तरमे राइखके बान्हैछै आ आपन बस्तरमे लाम-लाम फुदनासब लगाके पिन्हैछै।
यदि हम आपन सब धन-सम्पैत गरिबसबके बाइट देबै आ आपन देह सेहो जराइले देबै महज हमरमे परेम नै छै त, हमरा किछो फाइदा नै हेतै।