11 “अइ खिसाके अरथ यि चियै, बिचहनके मतलब परमेस्वरके बचन चियै।
जे लोक परमेस्वरके राजके बचन सुइनके नै बुझैछै, उ लोक रस्ताकातमे परल बिचहन जखा चियै। तब सैतान आइबके ओकर हिरदयमे भेल्हा बचन छिनके ल्याजाइछै।
अहै खातिर सब एहेन अधलाह आचरन आ नै निक बानी बेबहारसे अलग हो। नम्र भ्याके तोरौरके हिरदयमे राखल परमेस्वरके बचनके आपन बना कथिलेत ओहैसे तोरौरके उदार कैरसकैछौ।
“आब तुसब बिचहन छिटैबला खिसाके अरथ सुन।
तब येसु ओइसबके कहल्कै, “तुसब यि खिसाके अरथ नै बुझैचिही त औरो कथासबके अरथ कनङके बुझबिही?
रस्तामे खसलाहा बिचहन उसब चियै, जे कोइ सुनैछै महज बचन सुइनके बिस्बास नै करैछै, कारन बिस्बास कैरके नै जिये कैहके सैतान आबैछै तब सुनल बचन लके चैलजाइछै।